नमक: हिन्दी कविता Hindi Poem: Namak

एक दिन नमक ने ठानीनहीं चलेगी तानाशाही पानी मेरा हर लेते हैंवे मुझको सब छल लेते हैं सूर्यदेव को लगायी गुहारउन्होंने भी सुनी पुकार “जब…

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Baal Kavita: Main Kaun Hoon?

गुड़िया मेरी बड़ी सयानी  ऐसा कहती मेरी नानी  पर अम्मा कहती हूँ मैं बुद्धू ढीठ, बिगड़ैल, यकदम अकड़ू  बाबा मुझको सीधी कहते  दादा मुझको मीठी…

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आइए मिलें – बालकनामा से! Interview with Balaknama

देहरादून में एक Residential Workshop हुआ था. पर इस Residential Workshop मे क्या खास है? यह Residential Workshop था सड़क पर रहने वाले बच्चों के…

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Saint Rishi

Sanskrit Sukti on being prudent

ऋणशेषं चाग्निशेषं शत्रुशेषं तथैव च व्याधिशेषं च नि: शेषं कृत्वा प्राज्ञो न सीदति अर्थ ऋण (कर्ज़), अग्नि , शत्रु, और व्याधि (बीमारी) को शेष न…

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Sanskrit Sukti on self-respect

मनस्विनो न मन्यन्ते परत: प्राप्य जीवनम् बलिभुग्भ्यो न काकेभ्य: स्पृहयन्ति हि कोकिला: मनस्वी लोग नहीं मानते, किसी और से पाया हुआ जीवन बलि पर जीने…

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प्रयास पर छोटी छोटी कविताएँ

माधव तनेजा द्वारा रचित / Poetry by Madhav Taneja तीन वर्णों का यह शब्द हमें बहुत कुछ सिखाता है, यह हमें जीवन में कुछ नया…

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rainforest during foggy day

धरती

ईशान काईला की कविता भूमि देवी है विशाल हम से न करती कोई सवाल पशु, भगवान, इंसान, सवेरे जग में आते हैं अकेले चाहे कोई…

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