दिवाली पर कविता

यशस्वी अनिका टंडन द्वारा यह दिवाली का दिया, कभी, सोचा क्या होता है? यह एक प्रतीक, अंधकार पर प्रकाश और  अधर्म पर धर्म की विजय…

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दशहरा

स्वस्ति शर्मा की कविता रावण शिव का परम भक्त थाबहुत बड़ा था ज्ञानीदस सर बीस भुजाओं वालापर था राजा अभिमानी न ही किसी की वह…

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Jeevan ke Sukh Dukh par Kavita

Poem by Ishaan Kaila / ईशान काईला की कविता सुखी, रोमांचक, और प्रेमपूर्ण जीवन के ये तीन विशेषण मेरे मन में आते हैं क्रोध, अन्याय,…

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