Poem by Ishaan Kaila / ईशान काईला की कविता
सुखी, रोमांचक,
और प्रेमपूर्ण
जीवन के ये तीन विशेषण
मेरे मन में आते हैं
क्रोध, अन्याय, गरीबी, भूख
ये जीवन के कांटे हैं
थोड़े दुख और थोड़े सुख
हम सब ही ने छाँटे हैं
सुख दूने, दुख आधे हुए,
जब भी हमने बांटे हैं।
दुख तो आते रहेंगे यारा
ये बुनकर की गांठें हैं
सुखों पर अपनी दृष्टि रखो
तो दुख कहाँ सताते हैं