By Swasti Sharma
हो तारों, चंदा में जिसका नाम,
जो लगाते नारा जय हिन्दुसतान
पता न चलता तारों का,
जाने कहाॅं मयंक है
युद्ध का जब हो समय ,
दुश्मनों का अंत है।
दुश्मन इन्हें देखकर थर थर कांपते
सिपाही जब कंधे से कंधा मिलाकर चलते
वे लड़ते झगड़ते स्वतंत्रता
अपने देश को दिलाते
आज़ादी का मोल और
साहसी बनना सिखलाते।
वीर जवानों से भाग्यशाली यह देश है,
उनके कारण सुरक्षित यहां का हर प्रदेश है।
शहीदों की चितताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
सूनी कर उस गोद को जहां थे वे बचपन में खेेले
वंदे मातरम का नारा
नारा ये सब गाते चले जाते
,निर्भयता से तिरंगे को लहराते।
कर दिया जिन्होने दुश्मनों को बर्बाद
भारत माताके उन पुत्रोंको
हम सबका धन्यवाद।