दशहरा

स्वस्ति शर्मा की कविता रावण शिव का परम भक्त थाबहुत बड़ा था ज्ञानीदस सर बीस भुजाओं वालापर था राजा अभिमानी न ही किसी की वह…

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Jeevan ke Sukh Dukh par Kavita

Poem by Ishaan Kaila / ईशान काईला की कविता सुखी, रोमांचक, और प्रेमपूर्ण जीवन के ये तीन विशेषण मेरे मन में आते हैं क्रोध, अन्याय,…

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हिन्दी दिवस

रजनी सेन की कविता सुंदर शब्दों की भर गई पेटी आज इसे हम खोलेंगे चाहे कुछ भी हो जाए हम हिंदी में बोलेंगे हिंदी दिल…

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नमक: हिन्दी कविता Hindi Poem: Namak

एक दिन नमक ने ठानीनहीं चलेगी तानाशाही पानी मेरा हर लेते हैंवे मुझको सब छल लेते हैं सूर्यदेव को लगायी गुहारउन्होंने भी सुनी पुकार “जब…

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Baal Kavita: Main Kaun Hoon?

गुड़िया मेरी बड़ी सयानी  ऐसा कहती मेरी नानी  पर अम्मा कहती हूँ मैं बुद्धू ढीठ, बिगड़ैल, यकदम अकड़ू  बाबा मुझको सीधी कहते  दादा मुझको मीठी…

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