Book Review/पुस्तक समीक्षा: ज़ेन कहानियाँ (मालचंद तिवारी, सेतु प्रकाशन)

ज़ेन एक प्रकार का अध्यात्म है। ज़ेन कथाएँ छोटी मगर बहुत रुचिकर और शिक्षाप्रद होती हैं।

अब तक, ये कहानियाँ अंग्रेज़ी में तो बहुधा पढ़ी थीं, पर हिन्दी में नहीं मिली थीं।

यह पुस्तक उस कमी को पूरा करती है।

अगर आपने पहले ज़ेन कहानियाँ पढ़ी हैं, तो कुछ कथाएँ परिचित लगेंगी। उनके अनुवाद के बारे में बात सकते हैं कि वह वाकई बहुत अच्छा अनुवाद है।

यह पुस्तक एक और बहुत महत्वपूर्ण रिक्त स्थान को भरती है – आजकल बच्चे फर्राटेदार हिन्दी नहीं पढ़ सकते। ऐसे में, या तो उनके लिए बाल पुस्तकें आती हैं, या फिर साहित्यिक पुस्तकें। ऐसी कहानियाँ जो छोटी छोटी हों, रुचिकर हों, पर बचकानी न हों, नहीं मिलतीं। इस पुस्तक की कुछ कहानियाँ 70 शब्दों से भी कम हैं। सब से लंबी कहानी भी 1.5 पन्ने की ही है। भाषा सरल है, कहानियाँ अच्छी।

बच्चों का आध्यात्मिक विकास ऐसी ही पुस्तकों के द्वारा हो सकता है।

पुस्तक 10 साल और उस से ऊपर के बच्चों और बड़ों के लिए बहुत अच्छी है।

इस समीक्षा को लिखते हुए मन में आया कि देखें, शायद किसी और ने भी ऐसा कोई प्रयास किया हो।

तब इस चिट्ठे के बारे में पता चला। हिन्दी में ज़ेन कहानियाँ पढ़ने के लिए आप यहाँ भी जा सकते हैं – https://hindizen.com/