Saint Rishi

Sanskrit Sukti on being prudent

ऋणशेषं चाग्निशेषं शत्रुशेषं तथैव च व्याधिशेषं च नि: शेषं कृत्वा प्राज्ञो न सीदति अर्थ ऋण (कर्ज़), अग्नि , शत्रु, और व्याधि (बीमारी) को शेष न…

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