A smiling boy

Munnu ki Shikayat

A funny Hindi poem on Holi

दुनिया भर की प्यारी होली 

मेरे मन न भाए होली 

दुनिया खाती इमरती गुझिया 

मुझको डाँट खिलाए होली 

दुनिया पाए रंग गुलाल 

हमको दे जाए काम ये होली 

शाम को जा कर लकड़ी लाओ, 

रात को होलिका दहन मनाओ 

“अच्छे बच्चे ये नहीं करते”

मस्ती करो तो ये सुन जाओ 

सुबह दोस्त हुड़दंग मचाएँ, 

पर हम कभी खेल न पाएँ। 

“हमारे घर के बच्चे, और ये !? ” 

ऐसा कह कर जान ही ले लें! 

दादी सूखी, दादा सूखे, 

मम्मी सूखी, पापा सूखे 

दीदी सूखी, भैया सूखे 

हम होली क्या खाक मनाएँ?