Silhouette of mother and her two little children against starry night sky

Mashvara/ Advice / मशवरा

सोनल रस्तोगी की कविता A poem by Sonal Rastogi

लम्हा कमजोर करे फिर भी हौसला रखना

दिल खुला और आसमान बड़ा रखना

ओछे ख्याल तुम्हें बेहतर नहीं होने देंगे

बड़ा दिल लेकर छोटों से रिश्ता रखना

लंबा सफर तय किया है इंसान होने के लिए

लिबास उजला है तो मन क्यूँ मैला रखना

मिलेगा तुझे सातों आसमानों से सोनल

किसी से बांटो तो अपना हाथ खुला रखना

मन भटकाएंगे बीती रातों के साये

कायम रहना खुद पर, वही बात दोबारा रखना

न हो शरारा जो दहकोगे, बुझ जाओगे

अपने ईमान को बुलंद सितारा रखना

आते जाते टकराएंगे कितने सफर में

दुखाएँ दिल, ऐसे रिश्तों से किनारा रखना

जब आयें याद तो मुस्कान खेले लबों पर

ऐसी यादों में बस हिस्सा हमारा रखना।