सोनल रस्तोगी की कविता A poem by Sonal Rastogi
लम्हा कमजोर करे फिर भी हौसला रखना
दिल खुला और आसमान बड़ा रखना
ओछे ख्याल तुम्हें बेहतर नहीं होने देंगे
बड़ा दिल लेकर छोटों से रिश्ता रखना
लंबा सफर तय किया है इंसान होने के लिए
लिबास उजला है तो मन क्यूँ मैला रखना
मिलेगा तुझे सातों आसमानों से सोनल
किसी से बांटो तो अपना हाथ खुला रखना
मन भटकाएंगे बीती रातों के साये
कायम रहना खुद पर, वही बात दोबारा रखना
न हो शरारा जो दहकोगे, बुझ जाओगे
अपने ईमान को बुलंद सितारा रखना
आते जाते टकराएंगे कितने सफर में
दुखाएँ दिल, ऐसे रिश्तों से किनारा रखना
जब आयें याद तो मुस्कान खेले लबों पर
ऐसी यादों में बस हिस्सा हमारा रखना।