Hindi Diwas: 14 Best Hindi Literature Pieces for Children

To mark Hindi Diwas 2022, we bring you the 14 best pieces of Hindi literature for children.

1. मैथिलीशरण गुप्त – माँ, कह एक कहानी

This poem, in which Rahul asks his mother, Yashodhara, for a story, and she responds by telling him the story of the swan, is a classic. Listening to the poem brings the palace, the garden, the mother and son alive.

इस कविता में यशोधरा का बेटा राहुल अपनी माँ से कहानी सुनने की ज़िद करता है। कविता में महल, यशोधरा, कहानी, नन्हा राहुल, सब जीवंत हो उठते हैं। यह कविता भी है, और सुंदर सी कहानी भी! हर बच्चा पहली पंक्तियाँ तो याद ही कर लेगा – माँ, कह एक कहानी!

2. प्रेमचंद – बड़े भाई साहब

No one knows children the way Premchand does!

But this story is superlative even among them. The inherent humour in this story is amazing, and the ending is hilarious!

And the best part is the lovely use of words. Do you know what कंकवे उड़ाना means?

प्रेमचंद जी मानव हृदय को तो अच्छे से जानते ही हैं, बाल हृदय को भी उतने ही अच्छे से जानते हैं। ये कहानी एक बच्चे के दृष्टिकोण से लिखी हुई है और बहुत मज़ेदार है! कहानी के अंत में ऐसी अप्रत्याशित घटना होती है कि अपने आप हंसी आ जाती है।

3. इस्मत चुगतई – कामचोर

This super funny story by Ismat Chugtai is so hilarious! What happens when a family decides that children are getting very lazy and should work around the house? Find out!

“तुम पूरे कामचोर हो!” – किस बच्चे ने ये नहीं सुना! क्या हो अगर एक पूरे घर के बच्चे एक साथ कामचोरी छोड़ कर, पूरे टन मन से काम करना शुरू हो जाएँ? और उन्हें ऐसा कराया कैसे जाए? इस्मत चुगतई की हंस हंस कर पेट में बल पड़ने वाली कहानी।

4. उषा यादव – पारस पत्थर

ये उपन्यास एक 14-15 साल के बच्चे के विषय में है। क्या होता है जब आप अपने आपको एक नई जगह पाते हैं? आप क्या नया सीखते हैं?

This was a life changing novel for us. Its a coming of age story that is so realistic and relatable.

पारस पत्थर

The book is published by Children’s Book Trust and is available here.

CBT Website.

Amazon

5. श्याम नारायण पांडे – चेतक की वीरता

जब हमने पूछा कि बचपन से आपको हिन्दी साहित्य की कौन सी कविता या कहानी सबसे ज़्यादा याद आती है, तो यह कविता सामने आई।

When we asked our friends for the Hindi poetry/stories that they remember from their childhood, this one came among the top 3. So, we had to share this one!

6. गुलज़ार – कविता

गुलज़ार बाल कवि नहीं माने जाते, पर उनकी यह कविता एक साथ गाँव, बचपन, और बारिश, सब को जीवंत कर देती है ।

Gulzar is not normally known as a children’s poet, but we found this gem by him. This one brings alive the village, mother, and rains, all in a few lines. Enjoy!

बस्ता फेंक कर लोची भागा रोशनारा बाग़ की जानिब

चिल्लाता – “चल, गुड्डी चल,

पके जामुन टपकेंगे!”

आँगन की रस्सी से माँ ने कपड़े खोले

और तन्नूर (तंदूर) पे लाके टीन की चादर डाली

सारे दिन के सूखे पापड़

लच्छी ने चादर में लपेटे

“बच गई रब्बा किया कराया धूल जाना था!”

खैरु ने अपने खेत की सूखी मिट्टी

झुर्रियों वाले हाथ में ले कर

भीगी भीगी आँखों से फिर ऊपर देखा

झूम के फिर उठे हैं बादल

टूटके फिर मेंह बरसेगा

और एक त्रिवेणी:

रात के पेड़ पे कल ही देखा था

चाँद, बस पक के गिरने वाला था!

सूरज आया था, ज़रा उसकी तलाशी लेना!

7. माखनलाल चतुर्वेदी – पुष्प की अभिलाषा

यह बचपन की सर्वाधिक याद रखी जाने वाली कविता है।

In our survey, this poem was the top poem remembered by people from their childhood. Sharing this gem with you.

Pushp Ki Abhilasha – poem by Shri Makhanlal Chaturvedi

8. हरिवंशराय बच्चन – गिलहरी का घर

आपने हरिवंश राय बच्चन जी की बहुत सारी कविताएँ पढ़ी होंगी। पर उनकी बहुत सी बाल कविताएँ भी हैं जो बहुत सुंदर हैं।

हमें सबसे अधिक प्रिय यह है:

You must have heard many well known Hindi poems by Shri Harivansh Rai Bachchan ji. But he also wrote some great poetry for children. Here is our most favourite piece:

एक गिलहरी एक पेड़ पर
बना रही है अपना घर,
देख-भाल कर उसने पाया
खाली है उसका कोटर ।

कभी इधर से, कभी उधर से
कुदक-फुदक घर-घर जाती,
चिथड़ा-गुदड़ा, सुतली, तागा
ले जाती जो कुछ पाती ।

ले जाती वह मुँह में दाबे
कोटर में रख-रख आती,
देख बड़ा सामान इकट्ठा
किलक-किलककर वह गाती ।

चिथड़े-गुदडे़, सुतली, धागे-
सब को अन्दर फैलाकर,
काट कुतरकर एक बराबर
एक बनायेगी बिस्तर ।

फिर जब उसके बच्चे होंगे
उस पर उन्हें सुलायेगी,
और उन्हीं के साथ लेटकर
लोरी उन्हें सुनायेगी ।

Read more Harivansh Rai Bachchan Poetry here.

Gilahri ka ghar

9. प्रताप सोमवंशी – हिन्दी गजलें

Pratap Somvanshi – Itwaar Chhota pad gaya

ये पूरा संग्रह ही ऐसा है कि बच्चों के साथ पढ़ा जा सके और उन्हें पढ़ाया जा सके। पर कुछ जो खास हैं:

This book of poetry can be read with children. But some lines that we really like.

बहुत महंगे खिलौने और तोहफे हार जाते हैं

रिझाने के लिए तब एक तितली काम आती है

****************

जो दादी से सुनी थीं, वो कथाएँ जीत जाती हैं,

बलाएँ हार जाती हैं, दुआएँ जीत जाती हैं।

****************

उम्मीदों के पंछी के पर निकलेंगे,

मेरे बच्चे मुझ से बेहतर निकलेंगे

************

हर पीढ़ी ने पेड़ से ये तो सीखा है,

फल हो जितना उतना ज्यादा झुकता है

********************

10. सुभद्रा कुमारी चौहान – झांसी की रानी, मुन्ना का प्यार, कदंब का पेड़, खिलौने वाला

एक किताब है – बच्चों की सुभद्रा। सच कहूँ तो बाल कविता में कितनी परतें, कितने रस हो सकते हैं, यह मैंने उस किताब से ही सीखा।

झांसी की रानी में वीर रस है, तो मुन्ना का प्यार में ईर्ष्या। कदंब के पेड़ में कोरी कल्पना, तो खिलौनेवाला में सुदृड़ चाह।

ये सभी कविताएँ, और उस पुस्तक की सारी कविताएँ इतनी मीठी हैं, कि उन में से एक का चुनाव नहीं किया जा सकता।

कदंब का पेड़
खिलौने वाला
झांसी की रानी

11. शकील बदायूंनी – नन्हा मुन्ना राही हूँ

ये बाल गीत किसने नहीं सुना? इसे लिखा है गीतकार शकील बदायूंनी ने, और ये गाना सन ऑफ इंडिया नाम की फिल्म से है।

12. विकि आर्य – कविता

ये कविता, खुद ही सब कुछ कहती है

नन्ही कड़ाही में भूनती

रेत की सूजी

वो हलवा बिन घी चीनी

कितना मीठा सा

माँ के दुप्पटे से उलझती

लंबी साड़ी का पल्लू

उसका वो तोतला किचन

कितना रूनझुन सा

पी डाली मैंने चाय

हजारों प्याली

खिलौनों के देश में आया

जैसे कोई गुलिवर सा

कभी खुद, कभी माँ, कभी नानी

कभी पापा, भैया, दादा – दादी,

बेशुमार किरदार और एक नन्ही बिटिया

हर दिन खेलती वो नया नाटक –

वो – अलिखा (बिना लिखा हुआ)

13. महादेवी वर्मा – गिल्लू

महादेवी वर्मा को प्रकृति से प्रेम भी था, और वे उस के बारे में लिखती भी थीं। गिल्लू भी ऐसी ही एक प्यारी सी कहानी है, जो सबको हमेशा याद रहती है।

Mahadevi Verma loved nature, and wrote about it often. Gillu is also one such lovely story, which remains with us long after we have read it.

Listen to it here.

14. प्राण – बिल्लू, पिंकी , और चाचा चौधरी

One way to write and tell stories to children is comics. Billoo, Pinky, and Chacha Chaudhary (and Saboo) comics have inspired an entire generation of children to put brains before brawns and made them laugh.

The creator of this series was Praan ji. If you still want a child to read Hindi and enjoy, Pran and his comics are the way to go!

कहानी कहने और सुनने का एक बहुत रुचिकर माध्यम हैं – कॉमिक्स। भारत में, प्राण जी ने एक पूरी पीढ़ी को हँसाया, गुदगुदाया, और रोमांचित किया है। आज भी, जो बच्चा हिन्दी न पढ़ता हो, उसे हिन्दी के रोचक किस्से पढ़ाने का सबसे अच्छा माध्यम हैं – प्राण जी के बिल्लू, पिंकी, और चाचा चौधरी (और साबू)

Share your favourites!

What are your favourite pieces of Hindi literature for kids? Share with us in comments below.