By Nidhi Arora
कोई मुझको ये बतलाये
परीक्षा का है क्या उपाय?
हर बच्चे को सताती है
जीवन सूना कर जाती है!
खाना, खेलना सब हराम
केवल पढ़ते रहो जनाब!
अंग्रेज़ी, हिन्दी, और भूगोल
मेरे तो सब ही हैं गोल!
विज्ञान से न है मेरा नाता
न ही मुझको गणित है भाता
दस सवाल पूछ के टीचर
खुद को देव समझते हैं
भूतों जैसी व्यवस्था है
जिस में सारे रटते हैं!
पर मैं भी हूँ सूपर स्मार्ट
परीक्षा करना है इक आर्ट
परीक्षा अग्नि सरीखी है
ये बात माँ से सीखी है।
जो आग घर जलाती है
वह माँ का खाना पकाती है।
जिस का तुम कर सकते वहन
वह कैसे करे तुम्हारा दहन?
थोड़ा पढ़ो, थोड़ा पढ़ाओ,
मिल कर यह संकट निबटाओ।
कुछ दिन की तो बात है प्यारे
ग्रहण भी कुछ पल रहते सारे।
दुनिया आनी- जानी है
यह परीक्षा भी फ़ानी है।