भारत इस अत्याधुनिक सुविधा को स्वगत करनेवाला दुनिया का तीसरा देश बना
हैदराबाद, दिसंबर २१: १९ दिसंबर को हैदरबाद में भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO (डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन) की उन्नत हाइपरसोनिक विंड टनल टेस्ट सुविधा का अनावरण किया। अमेरिका और रूस के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश है, जिसके पास परिमाण और परिचालन क्षमता के आधार पर इतनी बड़ी सुविधा है। इस प्रोजेक्ट को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत, अन्य भारतीय कंपनी और उद्योगों के सहयोग से डिज़ाइन और डेवेलोप किया गया है। आईये, इस प्रोजेक्ट को समझते है :
हाइपरसोनिक: गति जो ध्वनि की गति से बहुत ज्यादा अधिक है, आमतौर पर मच ५ और उसके ऊपर।
मच नंबर: यह आसपास के माध्यम में शरीर की गति का ध्वनि की गति से अनुपात है। १ मच = ध्वनि की गति यानी १२३५ किमी / घंटा।
विंड टनल: यह संलग्न ट्यूब है, जिसके अंदर हवा घूमती है। (एक ऐसी पाइप का अनुमान लगाइये जो प्लेन के अंदर फिट हो जाये). इन टनल का उपयोग फ्लाइट मोड में वस्तुओं की चाल चलन की प्रतिलिपि करने में होता है।
हाइपरसोनिक विंड टनल: इसमें व्यापक स्पेक्ट्रम जैसे की मच ५ से लेकर १२, में हाइपरसोनिक प्रवाह का अनुकरण (अनुकरण) करने की क्षमता होती है। यह भविष्य के अत्यधिक जटिल एयरोस्पेस और रक्षा प्रणाली के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।