हिन्दी Poem for Ganpati Visarjan

ॐ मणि पद्मे अस्ति।

स: विघनहर्ता, स: पीताम्बर

सर्वे सखा, सर्वे सहोदर।

चंचल कभी, कभी विद्वान,

दोनों ज्यूं हो एक समान

लिखे महाभारत या लाये कावेरी

गणपति ने दुनिया घेरी।

दुख सुख में समभाव सहित

अहंकार, छल, पाप रहित

आदर पाए, प्रेम दे

ऐसा विनायक प्रत्येक घरे

इस वर्ष का यही प्रणाम

सुंदर नख-शिख, दयालु प्राण

अगले वर्ष की आस जगाकर

भेजें प्रभु को तिलक लगा कर

अच्छे से जाना प्रभु मेरे

साथ की गठरी में बांधे पेड़े।

Image Credit: Lalbaugcha Raja 2023