यंग जर्नलिस्ट स्वस्ति शर्मा की खबर
वाशिंगटन, 22 मई: सौर ऑर्बिटर, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और नासा के बीच सहयोग से बना एक अंतरिक्ष मिशन फरवरी 2020 में हमारे सूर्य का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया गया था। हाल ही में 12 फरवरी, 2021 को, यह हमारे सूर्य के करीब था। इसलिए इसने अपने रिमोट सेंसिंग इंस्ट्रूमेंट, सोलर ऑर्बिटर हेलिओस्फेरिक इमेजर (Solar Orbiter Heliospheric Imager (SoloHI))के माध्यम से दो कोरोनल मास इजेक्शन (CME) को देखा।
CME सौर वातावरण के कणों का सौर मंडल में विस्फोट है। इसमें अंतरिक्ष मौसम को गति देने की क्षमता है। यह कण वायुमंडल वाले ग्रहों पर aurora (प्रकाश की किरणों से युक्त वायुमंडलीय घटना) प्रज्वलित करते हैं। यह कुछ तकनीकों में खराबी पैदा कर सकता है और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, सौर मंडल से गुजरते समय CME को समझना और उनकी प्रगति को ट्रैक करना महत्वपूर्ण है ।