श्रेया अग्रवाल द्वारा समाचार
नई दिल्ली, 18 मई: 1954 में स्थापित, साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी भी प्रमुख भारतीय भाषा में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों के लिए दिए जाते हैं। पुरस्कार में एक शॉल, एक ताम्रपत्र और 1,00,000 रुपये की राशि दी जाती हैं।
अब तक 20 भाषाओं के लिए 2020 के पुरस्कारों की घोषणा की जा चुकी है। मलयालम, उड़िया, राजस्थानी और नेपाली भाषाओं में विजेताओं की घोषणा होने की उम्मीद है। सम्मानित साहित्यिक कृतियों में कविताओं की सात पुस्तकें, चार उपन्यास, पांच लघु कथाएँ, दो नाटक, एक संस्मरण और एक महाकाव्य कविता (एक महाकाव्य एक लंबी कविता है जो एक कहानी कहती है) शामिल हैं।
सुश्री अरुंधति सुब्रमण्यम, श्री हरीश मीनाशरु, सुश्री अनामिका, श्री आर.एस. भास्कर, श्री इरुंगबम देवेन, श्री रूपचंद हंसदा और श्री निखिलेश्वर ने अपने काव्य कार्यों के लिए पुरस्कार जीता है। श्री नंदा खरे, डॉ महेश चंद्र शर्मा गौतम, श्री इमैयम और श्री हुसैन-उल-हक ने अपने उपन्यासों के लिए इसे जीता है।
श्री अपूर्व कुमार सैकिया, श्री धरणीधर ओवारी, श्री हृदय कौल भारती, श्री कमलकांत झा और श्री गुरदेव सिंह रूपाना ने अपनी लघु कथाओं के लिए पुरस्कार जीते हैं। श्री ज्ञान सिंह और श्री जेठो लालवानी ने अपने नाटकों के लिए पुरस्कार जीता। अंत में, श्री शंकर (मणिशंकर मुखोपाध्याय) और श्री एम. वीरप्पा मोइली ने क्रमशः अपने संस्मरण और महाकाव्य कविता के लिए पुरस्कार जीता है।
एक समारोह में लेखकों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। समारोह की तारीख की घोषणा नहीं की गई है।