बायोफ्लोरेसेंस का प्रभाव
विस्कॉन्सिन (यूएसए), 25 फरवरी: क्या आप जानते हैं कि कुछ जानवर पराबैंगनी (यूवी) प्रकाश में चमकते हैं? यह बायोफ्लोरेसेंस घटना (जीवित जीवों में प्रकाश का अवशोषण और पुन: उत्सर्जन) के कारण होता है। कुछ जानवरों में ऐसी फर या त्वचा होती है जो छोटी तरंग दैर्ध्य प्रकाश(short wavelength light) को अवशोषित करती है और यह इसे लंबी तरंगदैर्ध्य(longer wavelength) के रूप में उत्सर्जित करती है, जिससे इनका रंग बदल जाता है। इन जानवरों को बायोफ्लोरेसेंट कहा जाता है। यह (कुछ) अकशेरूकीय(invertebrates), सरीसृप(reptiles), उभयचर(amphibians), मछली, पक्षी और निशाचर स्तनधारियों(nocturnal mammals) में जैसे कि उड़ने वाली गिलहरी, ऑपोसोम और प्लैटिपस में पाया जाता है।
वैज्ञानिकों ने हाल ही में पता लगाया कि जब स्प्रिंगहेयर को यूवी प्रकाश के नीचे रखा गया, तो उनके गहरे भूरे रंग के फर गुलाबी और नारंगी रंग की धारियों और धब्बों के रूप में चमकते थे।
उन्होंने यह भी पाया कि चमकने वाले रंग कार्बनिक यौगिकों द्वारा निर्मित होते हैं जिन्हें कोपरोपोर्फिरिन और यूरोपोर्फिरिन कहा जाता है, जो स्प्रिंगहेयर के फर में प्रस्तुत होते हैं। दृश्यमान स्पेक्ट्रम (विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का हिस्सा जो मानव आंख को दिखाई देता है) के पीले, नारंगी या लाल क्षेत्रों में इन दो यौगिकों का प्रवाह होता है जो एक चटकीली गुलाबी और नारंगी चमक पैदा करता है। नर और मादा दोनों स्प्रिंगहेयर के पास इसकी विशेषता है, लेकिन ये चटकीले पैटर्न इनमें अत्यधिक परिवर्तनशील थे।