भारत और जापान के बीच प्रमुख रक्षा समझौता /Key Defence Agreement Between India And Japan

अबे की भारत के साथ आखिरी शिखर बैठक

दिल्ली, 10 सितंबर: जापान के पीएम शिंजो आबे ने अपनी पुरानी बीमारी की वजह से पिछले महीने पद छोड़ने की घोषणा की थी। जब तक उनकी पार्टी को उत्तराधिकारी नहीं मिल जाता, तब तक वह सेवा करेंगे। ऐसा होने के बाद, वह संसद सदस्य के रूप में काम जारी रखेंगे।

पुरानी बीमारी वह होती है जो लंबे समय तक रहती है और आमतौर पर ठीक नहीं हो पाती है। यह, हालांकि, कभी-कभी उपचार योग्य होती है और नियंत्रित की जा सकती है।

गुरुवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आबे के साथ 30 मिनट की बातचीत की, दोनों ने एक प्रमुख रक्षा समझौते पर फैसला किया और हस्ताक्षर किए। यह बैठक पीएम के रूप में भारत के साथ आबे की आखिरी बैठक है।

बैठक में दोनों ने एक-दूसरे के प्रति आभार व्यक्त किया, एक-दूसरे की यात्राओं की यादें ताजा कीं और एक-दूसरे के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की।

हस्ताक्षर किए गए समझौते से जापान और भारतीय सशस्त्र बलों(Indian Armed Forces) के आत्म-रक्षा बलों(Self-Defense forces) के बीच आपूर्ति( supplies) और सेवाओं के सुचारू आवागमन की सुविधा होगी। यह समझौता दोनों सेनाओं के बीच घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देकर वैश्विक शांति और सुरक्षा में योगदान करने में भी मदद करेगा।