नई दिल्ली, 27 फरवरी: क्या आप सभी का कोई पसंदीदा खिलौना है जिससे आप खेलना पसंद करते हैं?
प्राचीन काल से खिलौने हर पीढ़ी में बचपन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। खिलौने केवल एक खुशहाल बचपन बिताने का साधन नहीं हैं, बल्कि ये बच्चे की रचनात्मकता, कल्पना, मोटर स्किल और हाथ और आँख के समन्वय में सुधार करने में भी सहायता करते हैं। भारत के खिलौनों का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा है, जब 3010 से 500 ईसा पूर्व के टेराकोटा के खिलौने जैसे पहियों वाली छोटी गाड़ियाँ, सीटी के आकार वाले पक्षी और जानवरों की मूर्तियों खुदाई से प्राप्त हुए थे।
भारत में प्रत्येक क्षेत्र में हस्तनिर्मित खिलौने की एक समृद्ध परंपरा है जैसे आंध्र प्रदेश से कोंडापल्ली खिलौने, कर्नाटक से चन्नापटना लकड़ी के खिलौने, तमिलनाडु से तंजावुर गुड़िया, नटुग्राम लकड़ी की गुड़िया पश्चिम बंगाल से, लकड़ी के खिलौने उत्तर प्रदेश में वाराणसी से और छत्तीसगढ़ में चित्रकूट से और नवरात्रि कोलू गुड़िया तमिलनाडु में विलाचेरी से। ये सिर्फ कुछ नाम हैं खिलौनों के। सिर्फ खिलौने ही नहीं, भारत में बोर्ड गेमों की एक समृद्ध परंपरा भी है जैसे चाडुरंगा (शतरंज), पचीसी (लुडो) पल्लंगुझी (चित्र में दिखाया गया) आदि।
आज वैश्विक खिलौना बाजार का मूल्य $ 100 बिलियन है, और भारत इस बाजार में 1% (0.85%) से कम योगदान देता है। खिलौनों की समृद्ध परंपरा के बावजूद, देश में ज्यादातर खिलौने विदेशों से मंगवाए जाते हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए, भारत सरकार ने राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना तैयार की है, जिसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है ताकि न केवल भारतीय खिलौना उद्योग को प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाया जा सके बल्कि भारत को दुनिया के लिए खिलौना विनिर्माण केंद्र भी बनाया जा सके। इस मिशन का उद्देश्य खिलौना बनाने वाले समूहों की पहचान करना और उनके संचालन को बढ़ाने के लिए निवेश लाना है। इस उद्योग को मजबूत करने और समर्थन करने के लिए खिलौना पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस दिशा में पहले कदम के रूप में, भारत सरकार ने पहला भारत खिलौना मेला 2021 लॉन्च किया। वर्चुअल टॉय फेयर का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया और 27 फरवरी से 2 मार्च 2021 तक आयोजित किया जा रहा है। आभासी मंच का उपयोग न केवल मेले में भाग लेने वाले 1,000 से अधिक प्रदर्शकों के साथ भारतीय खिलौना उद्योग का प्रदर्शन करने के लिए किया जा रहा है, बल्कि खिलौना डिजाइन, नवीनीकरण, प्रौद्योगिकी, मार्केटिंग और पैकेजिंग पर चर्चा करने और अपने अनुभवों को साझा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। वर्चुअल गैलरी आपको पूरे भारत के टायमेकर्स से संबंधित वीडियो देखने की सुविधा देती है और इसको अच्छे से देखा जाना चाहिए।