पुस्तक समीक्षा: 10 प्रतिनिधि कहानियाँ – मालती जोशी

किताबघर प्रकाशन

मालती जोशी जी की कहानियाँ सदा ही मनोहारी होती हैं । सादी, सहज, संवेदनशील, और गहरी। हर कहानी में मर्म है, और मानव मन की गहरी पहचान। किरदार कोई भी हो, किसी आयु का, किसी व्यवसाय का, जीवन के किसी भी पड़ाव पर – उसे बहुत समझ से साथ गढ़ा जाता है – इस प्रकार कि उस चरित्र के विभिन्न रंग भी दिखाई दें, और वह चरित्र लघु कथा में समय भी जाए – यह जादू केवल एक महान कथाकार कर सकता है।

कहानियों में लेखक की सोच निहित है – और वह सोच बहुत परिपक्व है। कहानियाँ केवल अपने समय का दस्तावेज़ नहीं हैं, टिप्पणी भी हैं। टिप्पणी से हम लेखिका के मन की बात समझ पाते हैं। कहीं वह बात हमारे मन से मेल खाती है, कहीं नहीं, पर किसी भी स्थान पर हम यह नहीं कह पाते कि लेखिका ने इस विषय को कम समझा, या कम सोचा है।

ये कहानियाँ रोचक भी हैं, और सोचने पर भी मजबूर करती हैं। कोई कोई कहानी तो सारा दिन साथ बैठी परेशान करती रहती है, सोचने पर मजबूर करती रहती है।

इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें।

आयु: 15 वर्ष+