चीजों को आसान बनाने के लिए आईटी पोर्टल का उपयोग
नई दिल्ली, 29 सितंबर: प्रौद्योगिकी की इस दुनिया में, जब सब कुछ हमारे उपकरणों पर उपलब्ध है, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने भी केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में कुछ बदलाव किए हैं। आईटी सेवाओं और इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग से देश में यातायात नियम बेहतर रूप से लागू हो सकेंगे। यह यात्रियों के जीवन को आसान बना देगा क्योंकि हर जगह इतने सारे कागजात ले जाना मुश्किल है।
1 अक्टूबर, 2020 से लागू होने वाले कुछ बदलाव इस प्रकार हैं:ड्राइवर अपने वाहनों के दस्तावेज, केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल जैसे Digilocker या m-parivahan पर रख सकते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC), इंश्योरेंस डिटेल्स आदि सभी को इन पर अपलोड किया जा सकता है।प्रमाण पत्रों को कागज़ी तौर पर या इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रस्तुत करने या प्राप्त करने की प्रक्रिया के लिए प्रावधान किए गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक रूप से मान्य वाहनों के दस्तावेजों की अब भौतिक रूप में मांग नहीं की जाएगी। अधिकारियों द्वारा जाँच के समय प्रतियों की आवश्यकता नहीं है।लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा अयोग्य या निरस्त ड्राइविंग लाइसेंस का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा चालक के व्यवहार पर भी नजर रखी जाएगी और उसे रिकॉर्ड में डाला जाएगा।जारी किए गए सभी ई-चालान सूचना प्रौद्योगिकी पोर्टल पर भी दिखाई देंगे।यदि दस्तावेजों को किसी भी समय दिखाने के लिए कहा जाता है, तो निरीक्षण की तारीख और समय की मोहर, और जांच करने वाला वर्दी पहने हुए पुलिस अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी की पहचान पोर्टल पर दर्ज की जाएगी।ड्राइव करते समय एक हाथ में डिवाइस का उपयोग किया जा सकता है, केवल मार्ग नेविगेशन उद्देश्यों (जीपीएस) के लिए। लेकिन यह ड्राइविंग करते समय चालक को विचलित नहीं करना चाहिए।