नई दिल्ली, 29 दिसंबर: प्रौद्योगिकी की कोई सीमा नहीं है। हम सूर्य की प्रतिकृति तो नहीं बना सकते हैं लेकिन वास्तव में उसी तरह की संलयन ऊर्जा(fusion energy) बना सकते हैं। एक सुपरकंडक्टिंग फ्यूजन डिवाइस, कोरियाई सुपरकंडक्टिंग टोकामक एडवांस्ड रिसर्च या केस्टार(KSTAR), जिसे कोरियाई कृत्रिम सूर्य के रूप में भी जाना जाता है, ने हाल ही में एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह 20 सेकंड के लिए 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस, एक प्लाज्मा तापमान को बनाए रखने में सफल रहा। सूर्य का मूल तापमान 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस होता है।
KSTAR, अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) परमाणु संलयन अनुसंधान परियोजना में कोरिया के योगदान का एक हिस्सा है, जिसे दक्षिणी फ्रांस में बनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य परमाणु संलयन शक्ति (nuclear fusion power) बनाना है, जो स्वच्छ ऊर्जा का असीमित स्रोत है। नाभिकीय संलयन दो परमाणु नाभिकों को एक बड़े नाभिक में ऊर्जा जारी करने के लिए संयोजित करके कार्य करता है।