एम्पावर यंग जर्नलिस्ट गुरप्रीत कौर की खबर
कोआहुइला (मेक्सिको) 17 मई: मैक्सिकन जीवाश्म विज्ञानी (वैज्ञानिक जो जानवरों और पौधों के जीवाश्मों का अध्ययन करते हैं) ने मेक्सिको के उत्तरी राज्य कोआहुइला से डायनासोर की एक नई प्रजाति के जीवाश्म की खोज की। माना जाता है कि डायनासोर की मृत्यु लगभग 72 मिलियन वर्ष पहले हुई थी।
प्रारंभ में, जीवाश्म विज्ञानियों को केवल डायनासोर की पूंछ मिली। इसके बाद इसकी खोपड़ी और 1.32 मीटर खोखले हड्डीदार शिखा(bony crest) की खोज हुई। उन्हें फीमर और कंधे की हड्डियाँ भी मिलीं। डायनासोर के आकार का अनुमान 12 मीटर लगाया जा रहा है क्योंकि पूंछ ही 6 मीटर लंबी है।
वे यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि ये डायनासोर “बहुत संचारी” थे और अपनी हड्डीदार और खोखले शिखा का उपयोग करके कम आवृत्ति वाली ध्वनियों (इन्फ्रासाउंड) का इस्तेमाल करते थे, जो आज के हाथी संवाद करने के लिए करते हैं। वे शिकारियों को डराने के लिए तेज आवाज करने में भी सक्षम थे।
इस डायनासोर प्रजाति का नाम ट्लाटोलोफस गैलोरम रखा गया है। ट्लाटोलोफस(Tlatolophus) नाम तलहटोली (tlahtolli)से आया है जिसका अर्थ है “शब्द” मैक्सिकन (नहुआट्ल) भाषा में और लोफस का अर्थ ग्रीक में शिखा है जो अच्छी तरह से संवाद करने की उनकी क्षमता का संकेत देता है। शोधकर्ता यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि ये डायनासोर आधुनिक पक्षियों की तरह चमकीले रंग के थे। उनका मूल शोध मई 2021 में क्रेटेशियस रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुआ है।