यह IIT खड़गपुर के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया है
चेन्नई, 19 नवंबर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर के शोधकर्ताओं की एक टीम ने खीरे के छिलके का उपयोग करके जैव अवनत (bio degradable) पैकेजिंग सामग्री तैयार की है। उन्होंने कहा कि ककड़ी के छिलके में काफी ज्यादा सेल्यूलोज (पौधों की कोशिका की दीवारों में पाया जाने वाला अघुलनशील पदार्थ) होता है। इन छिलकों से प्राप्त सेलूलोज़ नैनो-क्रिस्टल का उपयोग खाद्य पैकेजिंग सामग्री बनाने के लिए किया जा सकता है। इसमें कम ऑक्सीजन पारगम्यता (permeability) (प्रवेश करने में सक्षम होने की गुणवत्ता) भी है।
इस कचरे को संसाधित (processed) किया जाता है और सेल्युलोस, हेमिकेलुलोस (पौधे की दीवार की एक पाली कार्बोहाइड्रेट), और संसाधित सामग्री से निकाले गए पेक्टिन (pectin) को पैकेजिंग सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है। इस प्रकार एकल उपयोग प्लास्टिक के लिए एक अक्षय (renewable), पर्यावरण के अनुकूल विकल्प को ढूंढ लिया गया है।
भारत में, खीरे का उपयोग सलाद, अचार और अन्य उत्पादों में व्यापक रूप से किया जाता है, इसलिए, यह या तो छिलके या पूरे स्लाइस को अपशिष्ट (waste) के रूप में संसाधित करने के बाद लगभग 12 प्रतिशत का अवशिष्ट अपशिष्ट (residual waste) बनाता है।