2023 में एकत्रित नमूनों के साथ धरती पर लौटने की योजना
चेन्नई, 22 अक्टूबर: ओरिजिन ,स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन, सिक्योरिटी, रेजोलिथ एक्सप्लोरर (OSIRISREx) को नासा द्वारा बेनु नामक क्षुद्रग्रह(asteroid) की सतह से नमूने लेने और इकट्ठा करने के लिए डिजाइन किया गया था, जो पृथ्वी से 321 मिलियन किलोमीटर दूर है।
स्पेसक्राफ्ट के सैंपलिंग रोबोटिक आर्म को टच-एंड-गो कहा जाता है 20 अक्टूबर को सैंपल एक्विजिशन मैकेनिज्म (TAGSAM) ने बेनु के ‘नाइटिंगेल’ नामक सैंपल साइट को छुआ।इसने अपने नीचे कुछ छिद्रयुक्त चट्टानों को कुचल दिया। एक सेकंड बाद, अंतरिक्ष यान ने एक नाइट्रोजन गैस की बोतल को निकाल दिया, जिससे उस साइट की सामग्री की एक अच्छी मात्रा नमूने के लिए मिल गयी । इस घटना में लगभग 6 सेकंड लगे। उसके बाद अंतरिक्ष यान ने बेन्नू की सतह से बैक-अवे बर्न की प्रक्रिया पूरी की ।
यह मार्च 2021 में पृथ्वी पर अपनी वापसी की यात्रा शुरू करेगा और 2023 में पृथ्वी तक पहुंच जाएगा। जांचकर्ता अब बारीकी से काम करेंगे कि सतह से कितनी सामग्री निकाली जा सकती है। साढ़े चार अरब साल पहले बने बेन्नू के इस नमूने का अध्ययन करने से यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि सूर्य और ग्रह कैसे अस्तित्व में आए।