अपनी तरह का पहला और सस्ता
यूएसए, 12 नवंबर: पर्ड्यू विश्वविद्यालय(Purdue University) के वैज्ञानिकों ने कागज के एक टुकड़े को डिजिटल रूप से संवादात्मक बनाने का एक तरीका खोज लिया है। साधारण कागज एक स्व-संचालित, वायरलेस, इंटरैक्टिव कीबोर्ड या कीपैड में परिवर्तित हो जाता है। टीम ने एक सादा कागज़ लिया जिस पर एक विशिष्ट वर्णमाला कीबोर्ड छपा हुआ था और उस पर नीऑन -हरे रंग के अत्यधिक फ्लोराइड युक्त, ओम्नीफोबिक(omniphobic) (एक ऐसी सतह जो धूल, पानी, तेल जैसी चीज़ों को हटा देती है) घोल की परत लगा दी । यह कोटिंग बिना स्याही फैले कागज पर कई सर्किट परतों को छापने में मदद करेगा । सर्किट परतों का निर्माण ट्राइबोइलेक्ट्रिक किया जाता है (किसी सतह पर घर्षण (friction) द्वारा विकसित विद्युत आवेश(electric charge) और पर इसमें केवल स्पर्श द्वारा होता है)। इसलिए हर बार जब किसी की(key) को दबाए जाने पर होने वाला स्पर्श ऊर्जा का उत्पादन करेगा। कीपैड पूरी तरह से स्व-संचालित है।
उन्होंने यह भी प्रदर्शित किया है कि सादा कागज उपयोगकर्ताओं को गाने चुनने, उन्हें सुनने और उनकी आवाज़ कम और ज्यादा करने के लिए संगीत प्लेयर इंटरफेस में बदल सकता है। टीम को लगता है कि इस नई तकनीक के आधार पर भविष्य में मल्टीफंक्शनल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का निर्माण किया जा सकता है।