डेटा ट्रांसफर और प्रोसेसिंग से ऊर्जा की खपत होती है
यूएसए, 11 फरवरी: पर्ड्यू(Purdue) और येल विश्वविद्यालयों और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक हालिया शोध अध्ययन में पाया गया कि आभासी बैठकों के दौरान कैमरे को बंद करने से व्यक्ति के कार्बन पदचिह्न (किसी की कार्रवाई से उत्पन्न CO2 की कुल मात्रा) को कम करने में मदद मिलती है। एक घंटे की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या स्ट्रीमिंग से 150-1,000 ग्राम CO2 निकलता है। साथ में, इसके लिए 2 – 12 लीटर पानी और एक मिनी iPad के आकार की भूमि की आवश्यकता होती है। इसी संदर्भ में, एक कार से जला हुआ एक गैलन गैसोलीन से लगभग 9 किलोग्राम CO2 निकलता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि कार्बन पदचिह्न काफी हद तक इस पर निर्भर करता है कि इंटरनेट किस तरह डेटा संग्रहीत और स्थानांतरित करता है, साथ ही यह भी सत्य है कि डेटा प्रसंस्करण(processing) बहुत अधिक बिजली का उपयोग करता है। उन्होंने सुझाव दिया हैं कि आभासी बैठकों के दौरान कैमरे को बंद करने से किसी व्यक्ति के कॉल के कार्बन फुटप्रिंट को 96 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, घरेलू मनोरंजन में स्ट्रीमिंग सामग्री हाई डेफिनेशन के बजाय स्टैंडर्ड डेफ़िनेशन में होने पर उस गतिविधि के CO2 स्तरों को 86 प्रतिशत तक कम कर सकती है।