लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी- L58 भारतीय नौसेना में शामिल /Landing Craft Utility- L58 commissioned into the Indian Navy

पोर्ट ब्लेयर, 18 मार्च: रक्षा मंत्रालय की खबरों के अनुसार अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (LCU) L58 को भारतीय नौसेना में शामिल(उपयोग या सेवा में) कर लिया गया है जो कि  एक उभयचर (भूमि पर और पानी दोनों में काम कर रहा है) जहाज़ है। LCU वे विशेष प्रकार की नाव हैं जिनका उपयोग युद्ध उपकरण और सैनिकों को तट से और युद्धपोतों तक ले जाने के लिए किया जाता है।

स्वदेशी निर्मित L58 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) में  बनाया गया है। पांच अधिकारियों और 50 नाविकों को इसके चालक दल के रूप में नियुक्त किया गया है। इस चालक दल के अलावा, 160 सैनिकों को बोर्ड पर रखा जा सकता है।

L58, 900 टन तक वजनी मुख्य युद्धक टैंक, बख्तरबंद वाहन, ट्रक आदि जैसे लड़ाकू वाहनों को ले जाने में सक्षम है। जहाज 63 मीटर लंबा है और इससे जुड़े दो शक्तिशाली इंजन (एमटीए 4,000 श्रृंखला) की वजह से यह 15 समुद्री मील (28 किमी प्रति घंटे) की गति तक पहुंच सकता है। यह दुश्मन के रडार प्रसारण को बाधित करने के लिए एक उन्नत प्रणाली से भी लैस है। जहाज में दो स्वदेशी निर्मित बंदूकें (30 मिमी CRN 91) और छह मशीनगन पोस्ट हैं, जो हवा, सतह और अन्य खतरों का ध्यान रखते हैं।L58 को अंडमान और निकोबार समूह के द्वीप समूह, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में आपदा राहत, खोज और बचाव, तटीय गश्त और अन्य निगरानी कार्यों में मदद करने के लिए तैनात किया जाएगा। 

भारतीय नौसेना के सोशल मीडिया हैंडल @indiannavy के सौजन्य से L58 की तस्वीरें