श्रेया अग्रवाल द्वारा समाचार
शिलांग, 11 मई: भारत और चीन के वैज्ञानिकों के एक दल ने मेघालय के करंग शुरी और मावलिनोन में मशरूम की एक नई प्रजाति पाई है। उनके बारे में क्या खास है? इन मशरूमों की खास विशेषता यह है कि ये अंधेरे में चमकते हैं! इन मशरूमों का वैज्ञानिक नाम रोरिडॉमीस फ़ाइलोस्टैचीडिस(Roridomyces phyllostachydis) है।
उन्होंने इस प्रजाति को कैसे खोजा?
बालीपारा फाउंडेशन (असम में एक गैर सरकारी संगठन) और चीनी अकादमी(Chinese Academy of Sciences) के वनस्पति विज्ञान के कुनमिंग इंस्टीट्यूट(Kunming Institute of Botany) के लोगों ने चार उत्तर-पूर्वी राज्यों की फंगल जैव विविधता के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सहयोग किया। चार उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय, असम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश थे। मेघालय में उन्हें यह मशरूम मिला। यह मृत बांस पर उगता हुआ पाया गया।
स्थानीय लोग इन मशरूमों का उपयोग टॉर्च के रूप में करते हैं क्योंकि उनमें से एक हरे रंग की रोशनी निकलती है! इससे पहले, भारत में कभी कोई मशरूम नहीं मिला था जो कि रोरिडॉमीस जीनस से संबंधित था।
क्या आप जानते हैं कि वे क्यों चमकते हैं?
इसका कारण ‘बायोलुमिनसेंस’ है। यह एक जीव की प्रकाश बनाने और उत्सर्जित करने की क्षमता है।
वे प्रकाश का उत्सर्जन कैसे करते हैं?
प्रकाश किसी जीव के शरीर के अंदर होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं द्वारा उत्सर्जित होता है ।